हमारा दिल तो हमेशा से इक जगह पर है
तुम्हारा दर्द ही रस्ता भटक गया होगा
Mir Taqi Mir
Jaun Eliya
Ahmad Faraz
Faiz Ahmad Faiz
Anwar Masood
Gulzar
Habib Jalib
Mohsin Naqvi
Parveen Shakir
Wasi Shah
Rahat Indori
Javed Akhtar
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(3155) Peoples Rate This
बिछड़ कर भी हूँ ज़िंदा रहने वाला
वो पास क्या ज़रा सा मुस्कुरा के बैठ गया
दिल फिर उस कूचे में जाने वाला है
बैठे-बैठे इक दम से चौंकाती है
एक पहुँचा हुआ मुसाफ़िर है
अब उस का वस्ल महँगा चल रहा है
शायद क़ज़ा ने मुझ को ख़ज़ाना बना दिया
वो जिस ने आँख अता की है देखने के लिए
इस दर का हो या उस दर का हर पत्थर पत्थर है लेकिन
कोई तितली निशाने पर नहीं है
किसी भूके से मत पूछो मोहब्बत किस को कहते हैं
आज तो दिल के दर्द पर हँस कर