Khawab Poetry of Abdul Hamid Adam

Khawab Poetry of Abdul Hamid Adam
नामअब्दुल हमीद अदम
अंग्रेज़ी नामAbdul Hamid Adam
जन्म की तारीख1910
मौत की तिथि1981

शायद मुझे निकाल के पछता रहे हों आप

आँख का ए'तिबार क्या करते

वो सूरज इतना नज़दीक आ रहा है

वो अबरू याद आते हैं वो मिज़्गाँ याद आते हैं

उन को अहद-ए-शबाब में देखा

मुंक़लिब सूरत-ए-हालात भी हो जाती है

मतलब मुआ'मलात का कुछ पा गया हूँ मैं

फ़क़ीर किस दर्जा शादमाँ थे हुज़ूर को कुछ तो याद होगा

दुआएँ दे के जो दुश्नाम लेते रहते हैं

दिल है बड़ी ख़ुशी से इसे पाएमाल कर

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