Friendship Poetry of Abdul Hamid Adam

Friendship Poetry of Abdul Hamid Adam
नामअब्दुल हमीद अदम
अंग्रेज़ी नामAbdul Hamid Adam
जन्म की तारीख1910
मौत की तिथि1981

मैं यूँ तलाश-ए-यार में दीवाना हो गया

ऐ दोस्त मोहब्बत के सदमे तन्हा ही उठाने पड़ते हैं

ज़ुल्फ़-ए-बरहम सँभाल कर चलिए

सो के जब वो निगार उठता है

साक़ी शराब ला कि तबीअ'त उदास है

मुश्किल ये आ पड़ी है कि गर्दिश में जाम है

मुंक़लिब सूरत-ए-हालात भी हो जाती है

मिरा इख़्लास भी इक वज्ह-ए-दिल-आज़ारी है

जुम्बिश-ए-काकुल-ए-महबूब से दिन ढलता है

इतना तो दोस्ती का सिला दीजिए मुझे

हवा सनके ख़ारों की बड़ी तकलीफ़ होती है

हर दुश्मन-ए-वफ़ा मुझे महबूब हो गया

गो तिरी ज़ुल्फ़ों का ज़िंदानी हूँ मैं

फ़क़ीर किस दर्जा शादमाँ थे हुज़ूर को कुछ तो याद होगा

एक ना-मक़बूल क़ुर्बानी हूँ मैं

दिल है बड़ी ख़ुशी से इसे पाएमाल कर

दिल डूब न जाएँ प्यासों के तकलीफ़ ज़रा फ़रमा देना

दरोग़ के इम्तिहाँ-कदे में सदा यही कारोबार होगा

छेड़ो तो उस हसीन को छेड़ो जो यार हो

भूले से कभी ले जो कोई नाम हमारा

बे-सबब क्यूँ तबाह होता है

अगरचे रोज़-ए-अज़ल भी यही अँधेरा था

आता है कौन दर्द के मारों के शहर में

अब्दुल हमीद अदम Friendship Poetry in Hindi - Read famous Friendship Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by अब्दुल हमीद अदम. Largest collection of Friendship Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by अब्दुल हमीद अदम. Share the अब्दुल हमीद अदम Friendship Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.