Bewafa Poetry of Abdul Hamid Adam

Bewafa Poetry of Abdul Hamid Adam
नामअब्दुल हमीद अदम
अंग्रेज़ी नामAbdul Hamid Adam
जन्म की तारीख1910
मौत की तिथि1981

जिस से छुपना चाहता हूँ मैं 'अदम'

देखा है किस निगाह से तू ने सितम-ज़रीफ़

ज़ख़्म दिल के अगर सिए होते

वो सूरज इतना नज़दीक आ रहा है

साक़ी शराब ला कि तबीअ'त उदास है

मोहतात ओ होशियार तो बे-इंतिहा हूँ मैं

कितनी बे-साख़्ता ख़ता हूँ मैं

कश्ती चला रहा है मगर किस अदा के साथ

हसीन नग़्मा-सराओ! बहार के दिन हैं

हर परी-वश को ख़ुदा तस्लीम कर लेता हूँ मैं

भूली-बिसरी बातों से क्या तश्कील-ए-रूदाद करें

बस इस क़दर है ख़ुलासा मिरी कहानी का

बहुत से लोगों को ग़म ने जिला के मार दिया

आगही में इक ख़ला मौजूद है

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