Heart Broken Poetry of Abdul Mannan Tarzi

Heart Broken Poetry of Abdul Mannan Tarzi
नामअब्दुल मन्नान तरज़ी
अंग्रेज़ी नामAbdul Mannan Tarzi
जन्म की तारीख1940
जन्म स्थानDarbhanga

ज़लज़ले सख़्त आते रहे रात-भर

सुब्ह सफ़र और शाम सफ़र

पुर्सिश है चश्म-ए-अश्क-फ़शाँ पर न आए हर्फ़

पा के तूफ़ाँ का इशारा दरिया

मुद्दआ'-ओ-आरज़ू शौक़-ए-तमन्ना आप हैं

मिरी निगाह को जल्वों का हौसला दे दो

मेरी आँखों में आँसू प्यारे

मर जाएँगे पिंदार का सौदा न करेंगे

मैं पहुँचा अपनी मंज़िल तक मगर आहिस्ता आहिस्ता

क्या यहाँ देखिए क्या वहाँ देखिए

ख़ून जब अश्क में ढलता है ग़ज़ल होती है

खुली जब आँख तो देखा कि था बाज़ार का हल्क़ा

जब निगाह-ए-तलब मो'तबर हो गई

जब भी गुलशन में चली ठंडी हवा

हर आन नई शान है हर लम्हा नया है

अब्दुल मन्नान तरज़ी Heart Broken Poetry in Hindi - Read famous Heart Broken Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by अब्दुल मन्नान तरज़ी. Largest collection of Heart Broken Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by अब्दुल मन्नान तरज़ी. Share the अब्दुल मन्नान तरज़ी Heart Broken Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.