अब्दुल रहमान एहसान देहलवी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अब्दुल रहमान एहसान देहलवी (page 3)
नाम | अब्दुल रहमान एहसान देहलवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Abdul Rahman Ehsan Dehlvi |
कविताएं
Ghazal 26
Couplets 46
Rubaai 3
Love 29
Sad 23
Heart Broken 30
Bewafa 6
Hope 9
Friendship 16
Islamic 8
Sufi 2
देशभक्तिपूर्ण 1
बारिश 1
ख्वाब 3
Sharab 8
मरते दम नाम तिरा लब के जो आ जाए क़रीब
महफ़िल इश्क़ में जो यार उठे और बैठे
क्यूँ ख़फ़ा तू है क्या कहा मैं ने
कुछ तौर नहीं बचने का ज़िन्हार हमारा
ख़फ़ा मत हो मुझ को ठिकाने बहुत हैं
जान अपनी चली जाए हे जाए से कसू की
हर आन जल्वा नई आन से है आने का
ग़म याँ तो बिका हुआ खड़ा है
ग़ैर के दिल पे तू ऐ यार ये क्या बाँधे है
गली से तिरी जो कि ऐ जान निकला
दोश-ब-दोश दोश था मुझ से बुत-ए-करिश्मा-कोश
दिलबर ये वो है जिस ने दिल को दग़ा दिया है
दिल तो हाज़िर है अगर कीजिए फिर नाज़ से रम्ज़
बाग़ में जब कि वो दिल ख़ूँ-कुन-ए-हर-गुल पहुँचे
आँखों में मुरव्वत तिरी ऐ यार कहाँ है