Sad Poetry of Abid Malik
नाम | आबिद मलिक |
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अंग्रेज़ी नाम | Abid Malik |
कविताएं
Ghazal 11
Couplets 10
Qita 8
Love 9
Sad 9
Heart Broken 11
Hope 3
Friendship 2
Islamic 2
बारिश 1
ख्वाब 4
मियाँ ये इश्क़ तो सब टूट कर ही करते हैं
फ़लक से कैसे मिरा ग़म दिखाई देगा तुझे
अभी से इस में शबाहत मिरी झलकने लगी
कौन कहता है कि वहशत मिरे काम आई है
गले लगाए मुझे मेरा राज़दाँ हो जाए
इक अजनबी की तरह है ये ज़िंदगी मिरे साथ
दश्त में उस का आब-ओ-दाना है
आसूदगान-ए-हिज्र से मिलने की चाह में
आख़िरी बार ज़माने को दिखाया गया हूँ