Hope Poetry of Adil Mansuri

Hope Poetry of Adil Mansuri
नामआदिल मंसूरी
अंग्रेज़ी नामAdil Mansuri
जन्म की तारीख1936
मौत की तिथि2009
जन्म स्थानAhmadabad

वो जान-ए-नौ-बहार जिधर से गुज़र गया

मेरे टूटे हौसले के पर निकलते देख कर

ख़्वाहिश सुखाने रक्खी थी कोठे पे दोपहर

टूटी लज़्ज़त की ख़ुशबू

सितारा सो गया है

नज़्म

हश्र की सुब्ह दरख़्शाँ हो मक़ाम-ए-महमूद

गोल कमरे को सजाता हूँ

फ़ैज़

आमीन

सड़कों पर सूरज उतरा

गाँठी है उस ने दोस्ती इक पेश-इमाम से

एक क़तरा अश्क का छलका तो दरिया कर दिया

दरवाज़ा बंद देख के मेरे मकान का

चेहरे पे चमचमाती हुई धूप मर गई

बदन पर नई फ़स्ल आने लगी

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