जानकारी खेल लफ़्ज़ों का ज़बाँ का शोर है
जो बहुत कम जानता है वो यहाँ शह-ज़ोर है
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मैं ने भी बच्चों को अपनी निस्बत से आज़ाद किया
मिरी आँखों में आ दिल में उतर पैवंद-ए-जाँ हो जा
रफ़्ता रफ़्ता लफ़्ज़ गूँगे हो गए
मैं बात करने लगा था कि लफ़्ज़ गूँगे हुए
मैं फ़तह-ए-ज़ात मंज़र तक न पहुँचा
फूलों में एक रंग है आँखों के नीर का
दश्त-ए-उम्मीद में ख़्वाबों का सफ़र करना था
मैं उस की पहचान हूँ या वो मेरी
एक बच्चा ज़ेहन से पैसा कमाने की मशीन
इमरोज़ की कश्ती को डुबोने के लिए हूँ
है वाहिमों का तमाशा यहाँ वहाँ देखो
जिस्म के बयाबाँ में दर्द की दुआ माँगें