Love Poetry of Ali Ahmad Jalili

Love Poetry of Ali Ahmad Jalili
नामअली अहमद जलीली
अंग्रेज़ी नामAli Ahmad Jalili
जन्म की तारीख1921
मौत की तिथि2005

रोके से कहीं हादसा-ए-वक़्त रुका है

लाई है किस मक़ाम पे ये ज़िंदगी मुझे

ग़म से मंसूब करूँ दर्द का रिश्ता दे दूँ

तुम जो आओगे तो मौसम दूसरा हो जाएगा

रोके से कहीं हादसा-ए-वक़्त रुका है

मुस्तहिक़ वो लज़्ज़त-ए-ग़म का नहीं

लाई है किस मक़ाम पे ये ज़िंदगी मुझे

ग़म से मंसूब करूँ दर्द का रिश्ता दे दूँ

फ़रेब-ए-निकहत-ओ-गुलज़ार से बचाओ मुझे

एक खिड़की गली की खुली रात भर

अब छलकते हुए साग़र नहीं देखे जाते

आज जलती हुई हर शम्अ बुझा दी जाए

अली अहमद जलीली Love Poetry in Hindi - Read famous Love Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by अली अहमद जलीली. Largest collection of Love Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by अली अहमद जलीली. Share the अली अहमद जलीली Love Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.