मेरे चेहरे पे हैं आँखें मिरे सीने में है दिल
इस लिए तेरी हिफ़ाज़त नहीं कर सकता मैं
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काश
किसी तरह से नज़र मुतमइन नहीं होती
मुझ से ख़ाली है मेरा आईना
आधी मौत का जन्म
दिन ले के जाऊँ साथ उसे शाम कर के आऊँ
जब ख़ुदा भी नहीं था साथ मरे
चल तो सकता था मैं भी पानी पर
काग़ज़ था मैं दिए पे मुझे रख दिया गया
बुझने दे सब दिए मुझे तन्हाई चाहिए
मैं सब का सब मोहब्बत के लिए हूँ
तख़्लीक़ की साअतों में
हिज्र में भी हम एक दूसरे के