यक़ीनन सर छुपाने की ग़रज़ से
हमें छोटा सा घर भी चाहिए है
मगर गर्मी के हैं तेवर यही तो
एअर-कंडीशनर भी चाहिए है
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ये तन्हाई ये उज़्लत ऐ दिल ऐ दिल
गो कठिन है तय करना उम्र का सफ़र तन्हा
मुस्कुराए बग़ैर भी वो होंट
कड़ा है दिन बड़ी है रात जब से तुम नहीं आए
यादों के बाग़ से वो हरा-पन नहीं गया
हमेशा हात में रहते हैं फूल उन के लिए
कोई ज़ंजीर नहीं तार-ए-नज़र से मज़बूत
सिर्फ़ उस के होंट काग़ज़ पर बना देता हूँ मैं
दोस्त कहता हूँ तुम्हें शाएर नहीं कहता 'शुऊर'
जो हम-कलाम हो हम से उसी के होते हैं
नहीं मिलते 'शुऊर' आँसू बहाते