देखिए अहद-ए-वफ़ा अच्छा नहीं
मरना जीना साथ का हो जाएगा
Mir Taqi Mir
Javed Akhtar
Mohsin Naqvi
Jaun Eliya
Ahmad Faraz
Faiz Ahmad Faiz
Allama Iqbal
Parveen Shakir
Wasi Shah
Rahat Indori
Gulzar
Anwar Masood
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(707) Peoples Rate This
न आया ग़म भी मोहब्बत में साज़गार मुझे
हालात ने किसी से जुदा कर दिया मुझे
मैं अब तेरे सिवा किस को पुकारूँ
लब ओ रुख़्सार की क़िस्मत से दूरी
ये आँसू ढूँडता है तेरा दामन
जब ज़िंदगी सुकून से महरूम हो गई
जब अपने पैरहन से ख़ुशबू तुम्हारी आई
अजब अंदाज़ के शाम-ओ-सहर हैं
ज़िंदगी का हर नफ़स मम्नून है तदबीर का
कुछ भी हो वो अब दिल से जुदा हो नहीं सकते
जब ज़रा रात हुई और मह ओ अंजुम आए