आँसुओं को फ़ुज़ूल मत समझो
ये बड़े क़ीमती सहारे हैं
Mir Taqi Mir
Mohsin Naqvi
Rahat Indori
Gulzar
Jaun Eliya
Allama Iqbal
Faiz Ahmad Faiz
Wasi Shah
Parveen Shakir
Ahmad Faraz
Habib Jalib
Javed Akhtar
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(754) Peoples Rate This
साहिल-ए-इंतिज़ार में तन्हा
तख़्लीक़
तेरा मेरा है गुमाँ का रिश्ता
मक़्सूद-अली-'दीवाना'
शायद
ये दिल में वसवसा क्या पल रहा है
अजनबी मुझ से आ गले मिल ले
दिल और तरह आज तो घबराया हुआ है
तलाश
तज़लील
ये मिरी बज़्म नहीं है लेकिन