Ghazals of Badr-e-Alam Khalish

Ghazals of Badr-e-Alam Khalish
नामबद्र-ए-आलम ख़लिश
अंग्रेज़ी नामBadr-e-Alam Khalish
जन्म की तारीख1962
जन्म स्थानjamshedpur

ज़रूरतों की हमाहमी में जो राह चलते भी टोकती है वो शाइ'री है

क़दमों से इतना दूर किनारा कभी न था

निशान-ए-ज़ख़्म पे निश्तर-ज़नी जो होने लगी

कहीं सुब्ह-ओ-शाम के दरमियाँ कहीं माह-ओ-साल के दरमियाँ

गुम हुए जाते हैं धड़कन के निशाँ हम-नफ़सो

गौरय्यों ने जश्न मनाया मेरे आँगन बारिश का

दमक उठी है फ़ज़ा माहताब-ए-ख़्वाब के साथ

चुप थे जो बुत सवाल ब-लब बोलने लगे

आसमाँ पर काले बादल छा गए

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