ज़फ़र कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का ज़फ़र (page 4)
नाम | ज़फ़र |
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अंग्रेज़ी नाम | Bahadur Shah Zafar |
जन्म की तारीख | 1775 |
मौत की तिथि | 1862 |
जन्म स्थान | Delhi |
कविताएं
Ghazal 51
Couplets 53
Love 53
Sad 43
Heart Broken 46
Bewafa 13
Hope 21
Friendship 24
Islamic 20
Sufi 2
देशभक्तिपूर्ण 2
बारिश 1
ख्वाब 10
Sharab 13
इतना न अपने जामे से बाहर निकल के चल
इश्क़ तो मुश्किल है ऐ दिल कौन कहता सहल है
हम ने तिरी ख़ातिर से दिल-ए-ज़ार भी छोड़ा
हम ये तो नहीं कहते कि ग़म कह नहीं सकते
होते होते चश्म से आज अश्क-बारी रह गई
हिज्र के हाथ से अब ख़ाक पड़े जीने में
हवा में फिरते हो क्या हिर्स और हवा के लिए
है दिल को जो याद आई फ़लक-ए-पीर किसी की
गालियाँ तनख़्वाह ठहरी है अगर बट जाएगी
गई यक-ब-यक जो हवा पलट नहीं दिल को मेरे क़रार है
देखो इंसाँ ख़ाक का पुतला बना क्या चीज़ है
देख दिल को मिरे ओ काफ़िर-ए-बे-पीर न तोड़
भरी है दिल में जो हसरत कहूँ तो किस से कहूँ
बात करनी मुझे मुश्किल कभी ऐसी तो न थी