Sad Poetry of Bahadur Shah Zafar (page 2)

Sad Poetry of Bahadur Shah Zafar (page 2)
नामज़फ़र
अंग्रेज़ी नामBahadur Shah Zafar
जन्म की तारीख1775
मौत की तिथि1862
जन्म स्थानDelhi

काफ़िर तुझे अल्लाह ने सूरत तो परी दी

जिगर के टुकड़े हुए जल के दिल कबाब हुआ

जब कभी दरिया में होते साया-अफ़गन आप हैं

इतना न अपने जामे से बाहर निकल के चल

इश्क़ तो मुश्किल है ऐ दिल कौन कहता सहल है

हम ये तो नहीं कहते कि ग़म कह नहीं सकते

होते होते चश्म से आज अश्क-बारी रह गई

हिज्र के हाथ से अब ख़ाक पड़े जीने में

है दिल को जो याद आई फ़लक-ए-पीर किसी की

गालियाँ तनख़्वाह ठहरी है अगर बट जाएगी

गई यक-ब-यक जो हवा पलट नहीं दिल को मेरे क़रार है

देख दिल को मिरे ओ काफ़िर-ए-बे-पीर न तोड़

भरी है दिल में जो हसरत कहूँ तो किस से कहूँ

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