Ghazals of Bakul Dev
नाम | बकुल देव |
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अंग्रेज़ी नाम | Bakul Dev |
जन्म की तारीख | 1980 |
जन्म स्थान | Pilani, Rajasthan |
ये किस की याद का दिल पर रफ़ू था
यकायक अक्स धुँदलाने लगे हैं
तिरा लहज़ा वही तलवार जैसा था
समाअ'त के लिए इक इम्तिहाँ है
मिरे कुछ भी कहे को काटता है
कौन कहता है ठहर जाना है
कम न होगी ये सरगिरानी क्या
जो है चश्मा उसे सराब करो
जान ले ले न ज़ब्त-ए-आह कहीं
हुए हम बे-सर-ओ-सामान लेकिन
हमें रास आनी है राहों की गठरी
हमें देखा न कर उड़ती नज़र से
हादसात अब के सफ़र में नए ढब से आए
गो ज़रा तेज़ शुआएँ थीं ज़रा मंद थे हम
दिल से बे-सूद और जाँ से ख़राब
चाल अपनी अदा से चलते हैं
बारिशों में अब के याद आए बहुत
बार-ए-दीगर ये फ़लसफ़े देखूँ
बात बिगड़ी हुई बनी सी रही
अपना बिगड़ा हुआ बनाव लिए
अब उजड़ने के हम न बसने के