Sad Poetry of Bakul Dev

Sad Poetry of Bakul Dev
नामबकुल देव
अंग्रेज़ी नामBakul Dev
जन्म की तारीख1980
जन्म स्थानPilani, Rajasthan

ख़्वाब नद्दी सा गुज़र जाएगा

और कुछ देर ग़म नज़र में रख

ये किस की याद का दिल पर रफ़ू था

तिरा लहज़ा वही तलवार जैसा था

समाअ'त के लिए इक इम्तिहाँ है

मिरे कुछ भी कहे को काटता है

कौन कहता है ठहर जाना है

जो है चश्मा उसे सराब करो

जान ले ले न ज़ब्त-ए-आह कहीं

हुए हम बे-सर-ओ-सामान लेकिन

हमें रास आनी है राहों की गठरी

हादसात अब के सफ़र में नए ढब से आए

दिल से बे-सूद और जाँ से ख़राब

बारिशों में अब के याद आए बहुत

बात बिगड़ी हुई बनी सी रही

अपना बिगड़ा हुआ बनाव लिए

अब उजड़ने के हम न बसने के

बकुल देव Sad Poetry in Hindi - Read famous Sad Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by बकुल देव. Largest collection of Sad Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by बकुल देव. Share the बकुल देव Sad Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.