Hope Poetry of Baqar Mehdi

Hope Poetry of Baqar Mehdi
नामबाक़र मेहदी
अंग्रेज़ी नामBaqar Mehdi
जन्म की तारीख1927
मौत की तिथि2006
जन्म स्थानMumbai

दामन-ए-सब्र के हर तार से उठता है धुआँ

ये रात

सज़ा

निरवान

नई जुस्तुजू का अलमिया

मेरा जनम दिन

लहरों का आतिश-फ़िशाँ

ख़ामुशी

जहन्नम

गोडो

दीमक

धरती का बोझ

बहुत है एक नज़र

अलविदा'अ

वो रिंद क्या कि जो पीते हैं बे-ख़ुदी के लिए

महफ़िलों में जा के घबराया किए

लरज़ लरज़ के न टूटें तो वो सितारे क्या

क्या क्या नहीं किया मगर उन पर असर नहीं

क्या ख़बर थी कि कभी बे-सर-ओ-सामाँ होंगे

किसी पे कोई भरोसा करे तो कैसे करे

कौन भला ये कहता है ख़ुद आ के हम को मनाएँ आप

इस दर्जा हुआ ख़ुश कि डरा दिल से बहुत मैं

गूँजता शहरों में तन्हाई का सन्नाटा तो है

दर्द-ए-दिल आज भी है जोश-ए-वफ़ा आज भी है

चराग़-ए-हसरत-ओ-अरमाँ बुझा के बैठे हैं

चाहा बहुत कि इश्क़ की फिर इब्तिदा न हो

बदल के रख देंगे ये तसव्वुर कि आदमी का वक़ार क्या है

और कोई जो सुने ख़ून के आँसू रोए

बाक़र मेहदी Hope Poetry in Hindi - Read famous Hope Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by बाक़र मेहदी. Largest collection of Hope Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by बाक़र मेहदी. Share the बाक़र मेहदी Hope Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.