दुनिया-ए-हुस्न-ओ-इश्क़ में किस का ज़ुहूर था
दुनिया-ए-हुस्न-ओ-इश्क़ में किस का ज़ुहूर था
हर आँख बर्क़-पाश थी हर ज़र्रा तूर था
(745) Peoples Rate This
दुनिया-ए-हुस्न-ओ-इश्क़ में किस का ज़ुहूर था
हर आँख बर्क़-पाश थी हर ज़र्रा तूर था
(745) Peoples Rate This