Islamic Poetry of Farhat Ehsas (page 2)

Islamic Poetry of Farhat Ehsas (page 2)
नामफ़रहत एहसास
अंग्रेज़ी नामFarhat Ehsas
जन्म की तारीख1952
जन्म स्थानDelhi

झगड़े ख़ुदा से हो गए अहद-ए-शबाब में

हम को बरा-ए-दुनिया बे-जान कर दिया है

हम अपना इस्म ले कर शहर-ए-सिफ़त से निकले

हुई इक ख़्वाब से शादी मिरी तन्हाई की

हमें जब अपना तआरुफ़ कराना पड़ता है

हमें जब अपना तआरुफ़ कराना पड़ता है

दोनों का ला-शुऊ'र है इतना मिला हुआ

दिन ने इतना जो मरीज़ाना बना रक्खा है

दिल ने इमदाद कभी हस्ब-ए-ज़रूरत नहीं दी

दबा पड़ा है कहीं दश्त में ख़ज़ाना मिरा

बहुत ज़मीन बहुत आसमाँ मिलेंगे तुम्हें

असीर-ए-ख़ाक भी हूँ ख़ाक से रिहा भी हूँ मैं

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