Sharab Poetry of Farhat Ehsas

Sharab Poetry of Farhat Ehsas
नामफ़रहत एहसास
अंग्रेज़ी नामFarhat Ehsas
जन्म की तारीख1952
जन्म स्थानDelhi

तराना-ए-रेख़्ता

ये सारे ख़ूबसूरत जिस्म अभी मर जाने वाले हैं

वो महफ़िलें पुरानी अफ़्साना हो रही हैं

रात बहुत शराब पी रात बहुत पढ़ी नमाज़

पहले क़ब्रिस्तान आता है फिर अपनी बस्ती आती है

नंग धड़ंग मलंग तरंग में आएगा जो वही काम करेंगे

मिरी मोहब्बत में सारी दुनिया को इक खिलौना बना दिया है

ख़लल आया न हक़ीक़त में न अफ़्साना बना

खड़ी है रात अंधेरों का अज़दहाम लगाए

जिस्म जब महव-ए-सुख़न हों शब-ए-ख़ामोशी से

हुई इक ख़्वाब से शादी मिरी तन्हाई की

फ़रहत एहसास Sharab Poetry in Hindi - Read famous Sharab Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by फ़रहत एहसास. Largest collection of Sharab Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by फ़रहत एहसास. Share the फ़रहत एहसास Sharab Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.