Ghazals of Ghulam Bhik Nairang

Ghazals of Ghulam Bhik Nairang
नामग़ुलाम भीक नैरंग
अंग्रेज़ी नामGhulam Bhik Nairang
जन्म की तारीख1876
मौत की तिथि1952

फिर वही हम हैं ख़याल-ए-रुख़-ए-ज़ेबा है वही

मिरे पहलू से जो निकले वो मिरी जाँ हो कर

किस तरह वाक़िफ़ हों हाल-ए-आशिक़-ए-जाँ-बाज़ से

कट गई बे-मुद्दआ सारी की सारी ज़िंदगी

कहते हैं ईद है आज अपनी भी ईद होती

कभी सूरत जो मुझे आ के दिखा जाते हो

इक हुजूम-ए-ग़म-ओ-कुलफ़त है ख़ुदा ख़ैर करे

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