Heart Broken Poetry of Gulzar (page 2)
नाम | गुलज़ार |
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अंग्रेज़ी नाम | Gulzar |
जन्म की तारीख | 1936 |
जन्म स्थान | Mumbai |
कविताएं
Ghazal 38
Nazam 58
Couplets 49
Love 54
Sad 44
Heart Broken 50
Bewafa 1
Hope 28
Friendship 7
Islamic 5
Sufi 1
Social 4
देशभक्तिपूर्ण 4
बारिश 4
ख्वाब 8
Sharab 3
देखो आहिस्ता चलो
चम्पई धूप
बोसकी
अलाव
आदत
ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा
ज़िक्र होता है जहाँ भी मिरे अफ़्साने का
तुझ को देखा है जो दरिया ने इधर आते हुए
तिनका तिनका काँटे तोड़े सारी रात कटाई की
शाम से आँख में नमी सी है
रुके रुके से क़दम रुक के बार बार चले
फूल ने टहनी से उड़ने की कोशिश की
ओस पड़ी थी रात बहुत और कोहरा था गर्माइश पर
कोई अटका हुआ है पल शायद
ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में
खुली किताब के सफ़्हे उलटते रहते हैं
गर्म लाशें गिरीं फ़सीलों से
एक परवाज़ दिखाई दी है
दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई
बे-सबब मुस्कुरा रहा है चाँद