हबीब अहमद सिद्दीक़ी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का हबीब अहमद सिद्दीक़ी (page 2)
नाम | हबीब अहमद सिद्दीक़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Habeeb Ahmad Siddiqui |
जन्म की तारीख | 1908 |
कविताएं
Ghazal 12
Couplets 35
Love 23
Sad 19
Heart Broken 18
Bewafa 5
Hope 19
Friendship 8
Islamic 4
ख्वाब 1
Sharab 4
अब तो जो शय है मिरी नज़रों में है ना-पाएदार
अब बहुत दूर नहीं मंज़िल-ए-दोस्त
आश्ना जब तक न था उस की निगाह-ए-लुत्फ़ से
आप शर्मिंदा जफ़ाओं पे न हों
आफ़ियत की उम्मीद क्या कि अभी
ये ग़म नहीं है कि अब आह-ए-ना-रसा भी नहीं
वो दर्द-ए-इश्क़ जिस को हासिल-ए-ईमाँ भी कहते हैं
उन निगाहों को अजब तर्ज़-ए-कलाम आता है
नवेद-ए-आमद-ए-फ़स्ल-ए-बहार भी तो नहीं
न बेताबी न आशुफ़्ता-सरी है
मुझ को दिमाग़-ए-शेवन-ओ-आह-ओ-फ़ुग़ाँ नहीं
कुछ भी दुश्वार नहीं अज़्म-ए-जवाँ के आगे
ख़िज़ाँ-नसीब की हसरत ब-रू-ए-कार न हो
जबीं-ए-नवाज़ किसी की फ़ुसूँ-गरी क्यूँ है
फ़ैज़ पहुँचे हैं जो बहारों से
दुनिया को रू-शनास-ए-हक़ीक़त न कर सके
और ऐ चश्म-ए-तरब बादा-ए-गुलफ़ाम अभी