Love Poetry of Idris Babar

Love Poetry of Idris Babar
नामइदरीस बाबर
अंग्रेज़ी नामIdris Babar
जन्म की तारीख1973
जन्म स्थानPakistan

इस क़दर मत उदास हो जैसे

हाथ दुनिया का भी है दिल की ख़राबी में बहुत

दर्द का दिल का शाम का बज़्म का मय का जाम का

यहाँ से चारों तरफ़ रास्ते निकलते हैं

रब्त असीरों को अभी उस गुल-ए-तर से कम है

मिरे क़रीब ही महताब देख सकता था

मतला ग़ज़ल का ग़ैर ज़रूरी क्या क्यूँ कब का हिस्सा है

मैं उसे सोचता रहा या'नी

किसी के हाथ कहाँ ये ख़ज़ाना आता है

ख़ेमगी-ए-शब है तिश्नगी दिन है

करते फिरते हैं ग़ज़ालाँ तिरा चर्चा साहब

इस से पहले कि ज़मीं-ज़ाद शरारत कर जाएँ

इस से पहले कि ज़मीं-ज़ाद शरारत कर जाएँ

दिल में है इत्तिफ़ाक़ से दश्त भी घर के साथ साथ

देखा नहीं चाँद ने पलट कर

देख न इस तरह गुज़ार अर्सा-ए-चश्म से मुझे

इदरीस बाबर Love Poetry in Hindi - Read famous Love Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by इदरीस बाबर. Largest collection of Love Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by इदरीस बाबर. Share the इदरीस बाबर Love Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.