लोग जब तेरा नाम लेते हैं
हम कलेजे को थाम लेते हैं
Wasi Shah
Habib Jalib
Faiz Ahmad Faiz
Allama Iqbal
Mir Taqi Mir
Jaun Eliya
Mohsin Naqvi
Parveen Shakir
Javed Akhtar
Gulzar
Rahat Indori
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झूटे वादों पर तुम्हारी जाएँ क्या
तड़प तड़प के तमन्ना में करवटें बदलीं
ज़बान-ए-हाल से हम शिकवा-ए-बेदाद करते हैं
उल्टी क्यूँ पड़ती है तदबीर ये हम क्या जानें
दिल से क्या पूछता है ज़ुल्फ़-ए-गिरह-गीर से पूछ
किसी का दिल को रहा इंतिज़ार सारी रात
जान कर 'मीर' का कलाम 'असर'
साथ दुनिया का नहीं तालिब-ए-दुनिया देते
कुछ समझ कर उस मह-ए-ख़ूबी से की थी दोस्ती
तेरी जानिब से मुझ पे क्या न हुआ
क्यूँ देखिए न हुस्न-ए-ख़ुदा-दाद की तरफ़
यूँही उलझी रहने दो क्यूँ आफ़त सर पर लाते हो