Hope Poetry of Iqbal Azeem

Hope Poetry of Iqbal Azeem
नामइक़बाल अज़ीम
अंग्रेज़ी नामIqbal Azeem
जन्म की तारीख1913
मौत की तिथि2000
जन्म स्थानMeerut

ज़ब्त भी चाहिए ज़र्फ़ भी चाहिए और मोहतात पास-ए-वफ़ा चाहिए

वो यूँ मिला कि ब-ज़ाहिर ख़फ़ा ख़फ़ा सा लगा

मुझे अपने ज़ब्त पे नाज़ था सर-ए-बज़्म रात ये क्या हुआ

माना कि ज़िंदगी से हमें कुछ मिला भी है

कुछ ऐसे ज़ख़्म भी दर-पर्दा हम ने खाए हैं

हम बहुत दूर निकल आए हैं चलते चलते

बिल-एहतिमाम ज़ुल्म की तज्दीद की गई

अपने मरकज़ से अगर दूर निकल जाओगे

अपना घर छोड़ के हम लोग वहाँ तक पहुँचे

अब इसे क्या करे कोई आँखों में रौशनी नहीं

आँखों से नूर दिल से ख़ुशी छीन ली गई

इक़बाल अज़ीम Hope Poetry in Hindi - Read famous Hope Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by इक़बाल अज़ीम. Largest collection of Hope Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by इक़बाल अज़ीम. Share the इक़बाल अज़ीम Hope Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.