रखता है गो क़दीम से बुनियाद आगरा

रखता है गो क़दीम से बुनियाद आगरा

अकबर के नाम से हुआ आबाद आगरा

याँ के खंडर न और जगह की इमारतें

यारो अजब मक़ाम है दिल-शाद आगरा

शद्दाद ज़र लगा न बनाता बहिश्त को

गर जानता कि होवेगा आबाद आगरा

तोड़े कोई क़िले को कोई लूटे शहर को

अब किस से अपनी माँगे भला दाद आगरा

अब तो ज़रा सा गाँव है बेटी न दे इसे

लगता था वर्ना चीन का दामाद आगरा

यक-बारगी तो अब मुझे या-रब तू फिर बसा

करता है अब ख़ुदा से ये फ़रियाद आगरा

इक ख़ूब-रू नहीं है यहाँ वर्ना एक दिन

था रश्क-ए-हुस्न-ए-बल्ख़-व-नौशाद आगरा

हरगिज़ वतन की याद न आवे उसे कभी

जो कर के अपनी जाँ को करे शाद आगरा

इस में सदा ख़ुशी से रहा है तिरा 'नज़ीर'

या-रब हमेशा रखियो तो आबाद आगरा

(308) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Nazeer Akbarabadi. is written by Nazeer Akbarabadi. Complete Poem in Hindi by Nazeer Akbarabadi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.