जब जब तुम को याद करें हम
तब तब बारिश हो जाती है
Jaun Eliya
Habib Jalib
Rahat Indori
Allama Iqbal
Wasi Shah
Anwar Masood
Mohsin Naqvi
Faiz Ahmad Faiz
Parveen Shakir
Ahmad Faraz
Mir Taqi Mir
Javed Akhtar
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(396) Peoples Rate This
और फिर मोहब्बत में जी के मर के देखा है
सीने से दिल निकाल के हाथों पे रख दिया
हवस
चिंगारियों का रक़्स
कितने आलम गुज़र गए मुझ पर
ख़ुद-फ़रेबी रहे तो अच्छा है
ये मुख़्तसर सी शिकन क्या बताएगी तुम को
हलचल
यूँ तो मोहब्बतों में बड़ी क़ुर्बतें रहीं
मिरे सीने से लग कर देर तक रोती है तन्हाई
मिरी मोहब्बत भी नीलगूं है