हवा का रंग नहीं है मगर मिज़ाज तो है
हवा से दोस्ती करना कोई मज़ाक़ नहीं
Gulzar
Anwar Masood
Wasi Shah
Habib Jalib
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Ahmad Faraz
Faiz Ahmad Faiz
Javed Akhtar
Mohsin Naqvi
Parveen Shakir
Jaun Eliya
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सारे जज़्बे तिरी चाहत के दिखाई देते
और फिर मोहब्बत में जी के मर के देखा है
सीने से दिल निकाल के हाथों पे रख दिया
चाँद जैसा इश्क़
सुकूत-ए-शहर-ए-दिल की बेबसी को भी कोई समझे
ला-इल्मी
फूलों की ज़द में आ के कहीं जान से न जाए
चिंगारियों का रक़्स
यौम-ए-मज़दूर
गुड़िया
जब जब तुम को याद करें हम