सीने से दिल निकाल के हाथों पे रख दिया
मैं ने तो बस कहा था कि धड़कन का शोर है
Wasi Shah
Faiz Ahmad Faiz
Mir Taqi Mir
Gulzar
Parveen Shakir
Javed Akhtar
Jaun Eliya
Mohsin Naqvi
Anwar Masood
Rahat Indori
Ahmad Faraz
Allama Iqbal
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(532) Peoples Rate This
क़ैद कर लो मुझे ख़यालों में
यौम-ए-मज़दूर
तुम को खोया था एक लग़्ज़िश में
हवा का रंग नहीं है मगर मिज़ाज तो है
फूलों की ज़द में आ के कहीं जान से न जाए
च्यूंटियाँ
ज़िंदगी से मिले हुए हो तुम
ये मुख़्तसर सी शिकन क्या बताएगी तुम को
मिरे सीने से लग कर देर तक रोती है तन्हाई
चाँद जैसा इश्क़
दिल की उदासियों का कोई सबब नहीं है
गुनाह