क़ैद कर लो मुझे ख़यालों में
इस जहाँ से रिहाई मिल जाए
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चिंगारियों का रक़्स
आधी मोहब्बत
सुकूत-ए-शहर-ए-दिल की बेबसी को भी कोई समझे
दिल की उदासियों का कोई सबब नहीं है
संग-दिल
हलचल
और फिर मोहब्बत में जी के मर के देखा है
जब जब तुम को याद करें हम
ख़ुद-फ़रेबी रहे तो अच्छा है
सीने से दिल निकाल के हाथों पे रख दिया
गुनाह
तुम को खोया था एक लग़्ज़िश में