ख़ुदा के हाथ में मत सौंप सारे कामों को
बदलते वक़्त पे कुछ अपना इख़्तियार भी रख
Mohsin Naqvi
Gulzar
Jaun Eliya
Javed Akhtar
Rahat Indori
Anwar Masood
Parveen Shakir
Mir Taqi Mir
Ahmad Faraz
Wasi Shah
Faiz Ahmad Faiz
Habib Jalib
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इस अँधेरे में तो ठोकर ही उजाला देगी
गरज बरस प्यासी धरती फिर पानी दे मौला
नशा नशे के लिए है अज़ाब में शामिल
नक़ाबें
सरहद-पार का एक ख़त पढ़ कर
देखा हुआ सा कुछ है तो सोचा हुआ सा कुछ
किस से पूछूँ कि कहाँ गुम हूँ कई बरसों से
हम भी किसी कमान से निकले थे तीर से
तुम से छुट कर भी तुम्हें भूलना आसान न था
दिल में न हो जुरअत तो मोहब्बत नहीं मिलती
बिंदराबन के कृष्ण-कन्हैया अल्लाह-हू
बच्चों के छोटे हाथों को चाँद सितारे छूने दो