किस का है इंतिज़ार कहाँ ध्यान है लगा
क्यूँ चौंक चौंक जाते हो आवाज़-ए-पा के साथ
Wasi Shah
Habib Jalib
Javed Akhtar
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Jaun Eliya
Parveen Shakir
Faiz Ahmad Faiz
Rahat Indori
Mohsin Naqvi
Gulzar
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जब तो मैं हूँ आह में ऐसा असर पैदा करूँ
क्या दुआ रोज़-ए-हश्र की माँगें
बिगड़ने से तुम्हारे क्या कहूँ मैं क्या बिगड़ता है
आँखें फूटें जो झपकती भी हों
कू-ए-जानाँ में गर अब जाएँ भी तो क्या देखें
कहीं उस बज़्म तक रसाई हो
कभी मिलते थे वो हम से ज़माना याद आता है
ये दिन तो सर्फ़ आप के वादों में हो गए
हुए नुमूद जो पिस्ताँ तो शर्म खा के कहा
मज़ा क्या जो यूँही सहर हो गई
ख़ुश्बू वो पसीने की तिरी याद न आ जाए
गए हैं जब से वो उठ के याँ से है हाल बाहर मिरा बयाँ से