लोग करते हैं ख़्वाब की बातें
हम ने देखा है ख़्वाब आँखों से
Anwar Masood
Gulzar
Ahmad Faraz
Jaun Eliya
Parveen Shakir
Mohsin Naqvi
Rahat Indori
Mir Taqi Mir
Allama Iqbal
Faiz Ahmad Faiz
Wasi Shah
Habib Jalib
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
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जी भर के तुम्हें देख लूँ तस्कीन हो कुछ तो
ज़ुल्फ़ की शाम सुब्ह चेहरे की
आज पनघट पर इस तरह थी भीड़
हो कर दुनिया से बेगाना
वक़्त बढ़ता रहा मौसम मौसम
तन्हाई
ज़िंदगी तू ने कहानी दे दी
मुद्दतों बाद उठाए थे पुराने काग़ज़
सेहन-ए-गुलशन में ढूँडती है कभी
दूर घाटी से सर उठा के शफ़क़
मौसमों का जवाब दे दीजे
आज की रात