हादसा ये है कि हम जाँ न मोअत्तर कर पाए
वो तो ख़ुश-बू था उसे यूँ भी बिखर जाना था
Rahat Indori
Habib Jalib
Jaun Eliya
Faiz Ahmad Faiz
Allama Iqbal
Parveen Shakir
Javed Akhtar
Anwar Masood
Mir Taqi Mir
Mohsin Naqvi
Ahmad Faraz
Gulzar
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(429) Peoples Rate This
रास्ता दे कि मोहब्बत में बदन शामिल है
डूब जाने का सलीक़ा नहीं आया वर्ना
तर्ग़ीब
वो लोग जो ज़िंदा हैं वो मर जाएँगे इक दिन
शहर का शहर हुआ जान का प्यासा कैसा
मगर उन सीपियों में पानियों का शोर कैसा था
एक कुत्ता नज़्म
तुम और किसी के हो तो हम और किसी के
सुर्ख़ चमन ज़ंजीर किए हैं सब्ज़ समुंदर लाया हूँ
हिरास फैल गया है ज़मीन-दानों में
मुर्दा-ख़ाना
छुप के मिलने आ जाए रौशनी की जुरअत क्या