इस दौर के मर्दों की जो की शक्ल-शुमारी
साबित हुआ दुनिया में ख़्वातीन बहुत हैं
Habib Jalib
Ahmad Faraz
Javed Akhtar
Parveen Shakir
Mir Taqi Mir
Gulzar
Mohsin Naqvi
Rahat Indori
Faiz Ahmad Faiz
Anwar Masood
Wasi Shah
Jaun Eliya
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सुरूर-ए-जाँ-फ़ज़ा देती है आग़ोश-ए-वतन सब को
मोटर-रिक्शा
चेहरे चाँद सितारों वाले हेरा-फेरी करते हैं
गिरानी का असर
बढ़ती रही हर साल जो तादाद हमारी
फ़क़त रंग ही उन का काला नहीं है
ऐसे लगे है नौकरी माल-ए-हराम के बग़ैर
इश्क़ में कुछ इस सबब से भी है आसानी मुझे
कुछ मह-जबीं लिबास के फैशन की दौड़ में
डॉज-महल
नहले पे दहला