Khawab Poetry of Imdad Ali Bahr

Khawab Poetry of Imdad Ali Bahr
नामइमदाद अली बहर
अंग्रेज़ी नामImdad Ali Bahr
मौत की तिथि1878
जन्म स्थानLucknow

अफ़्सोस उम्र कट गई रंज-ओ-मलाल में

वो रश्क-ए-मेहर-ओ-क़मर घात पर नहीं आता

तारे गिनते रात कटती ही नहीं आती है नींद

मैं सियह-रू अपने ख़ालिक़ से जो ने'मत माँगता

किया सलाम जो साक़ी से हम ने जाम लिया

ख़ूब-रूयान-ए-जहाँ चाँद की तनवीरें हैं

ख़ूब-रू सब हैं मगर हूरा-शमाइल एक है

जब कि सर पर वबाल आता है

गया सब अंदोह अपने दिल का थमे अब आँसू क़रार आया

फ़ुर्क़त की आफ़त बुरे दिन काटना साल है

दम-ए-मर्ग बालीं पर आया तो होता

बुतो ख़ुदा पे न रक्खो मोआ'मला दिल का

बग़ैर यार गवारा नहीं कबाब शराब

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