Sharab Poetry of Imdad Ali Bahr

Sharab Poetry of Imdad Ali Bahr
नामइमदाद अली बहर
अंग्रेज़ी नामImdad Ali Bahr
मौत की तिथि1878
जन्म स्थानLucknow

ये दिल है तो आफ़त में पड़ते रहेंगे

साक़ी तिरे बग़ैर है महफ़िल से दिल उचाट

क़द्र-दाँ कोई न असफ़ल है न आ'ला अपना

मैं सियह-रू अपने ख़ालिक़ से जो ने'मत माँगता

मैं गिला तुम से करूँ ऐ यार किस किस बात का

महरम के सितारे टूटते हैं

महबूब-ए-ख़ुदा ने तुझे नायाब बनाया

किया सलाम जो साक़ी से हम ने जाम लिया

ख़ुदा-परस्त हुए न हम बुत-परस्त हुए

ख़ुदा-परस्त हुए हम न बुत-परस्त हुए

जज़्ब-ए-उल्फ़त ने दिखाया असर अपना उल्टा

जाते है ख़ानक़ाह से वाइज़ सलाम है

जल्वा-ए-अर्बाब-ए-दुनिया देखिए

जब दस्त-बस्ता की नहीं उक़्दा-कुशा नमाज़

हम आज-कल हैं नामा-नवीसी की ताव पर

हर तरफ़ मज्मा-ए-आशिक़ाँ है

गया सब अंदोह अपने दिल का थमे अब आँसू क़रार आया

गर्दिश-ए-चर्ख़ से क़याम नहीं

चूर सदमों से हो बईद नहीं

चार दिन है ये जवानी न बहुत जोश में आ

बग़ैर यार गवारा नहीं कबाब शराब

बद-तालई का इलाज क्या हो

आश्ना कोई बा-वफ़ा न मिला

आरास्तगी बड़ी जिला है

आबला ख़ार-ए-सर-ए-मिज़्गाँ ने फोड़ा साँप का

इमदाद अली बहर Sharab Poetry in Hindi - Read famous Sharab Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by इमदाद अली बहर. Largest collection of Sharab Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by इमदाद अली बहर. Share the इमदाद अली बहर Sharab Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.