एक मुद्दत से तलबगार हूँ किन का इन का
एक मुद्दत से तलबगार हूँ किन का इन का
तिश्ना-ए-हसरत-ए-दीदार हूँ किन का इन का
जान को बेच के ये नक़्द-ए-दिल अब लाया हूँ
सब से पहले मैं ख़रीदार हूँ किन का इन का
इम्तिदाद इस मिरे बीमार का मत पूछ तबीब
रोज़-ए-मीसाक़ से बीमार हूँ किन का इन का
मुख़्लिसी क़ैद से मुश्किल है मुझे ता-दम-ए-मर्ग
दाम-ए-उल्फ़त में गिरफ़्तार हूँ किन का इन का
बूद-ओ-बाश अपना बताऊँ मैं तुम्हें क्या यारो
साकिन-ए-साया-ए-दार हूँ किन का इन का
है बजा फ़ख़्र करूँ अपनी अगर ताला पर
कफ़्श-बर्दारों का सरदार हूँ किन का इन का
गालियाँ तुझ को जो देते हैं ये 'हातिम' हैं कौन
कुछ न पूछो में गुनहगार हूँ किन का इन का
तो सज़ा-वार-ए-सज़ा किस का हुआ है 'हातिम'
साहिब-ए-मन मैं गुनहगार हूँ किन का इन का
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