फ़िल-हक़ीक़त कोई नहीं मरता
मौत हिकमत का एक पर्दा है
Mohsin Naqvi
Allama Iqbal
Jaun Eliya
Parveen Shakir
Ahmad Faraz
Faiz Ahmad Faiz
Mir Taqi Mir
Anwar Masood
Rahat Indori
Gulzar
Wasi Shah
Javed Akhtar
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(373) Peoples Rate This
तू देख उसे सब जा आँखों के उठा पर्दे
आई ईद व दिल में नहीं कुछ हवा-ए-ईद
कहें हम बहर-ए-बे-पायान-ए-ग़म की माहियत किस से
शहर में चर्चा है अब तेरी निगाह-ए-तेज़ का
हुस्न आईना फ़ाश करता है
मज़रा-ए-दुनिया में दाना है तो डर कर हाथ डाल
रोना वही जो ख़ौफ़-ए-इलाही से रोइए
न तन में उस्तुख़्वान ने रग रही है
कोहकन जाँ-कनी है मुश्किल काम
मिरा दिल बार-ए-इश्क़ ऐसा उठाने में दिलावर है
रिआयत बूझ तू माशूक़ का जौर