वस्ल हुआ पर दिल में तमन्ना
जैसी थी वैसी रक्खी है
Parveen Shakir
Mir Taqi Mir
Anwar Masood
Ahmad Faraz
Rahat Indori
Habib Jalib
Javed Akhtar
Faiz Ahmad Faiz
Jaun Eliya
Gulzar
Mohsin Naqvi
Wasi Shah
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(532) Peoples Rate This
उस को न ख़याल आए तो हम मुँह से कहें क्या
जो क़िस्सा था ख़ुद से छुपाया हुआ
जिन को क़ुदरत है तख़य्युल पर उन्हें दिखता नहीं
जो तुम से पहले आए थे उन की कारिस्तानी देखो
औरों से पूछिए तो हक़ीक़त पता चले
उस के बयान से हुए हर दिल अज़ीज़ हम
असर में देखिए अब कौन कम निकलता है
रखते हैं अपने ख़्वाबों को अब तक अज़ीज़ हम
चलो ये तो हादसा हो गया कि वो साएबान नहीं रहा
सब का ही नाम लेते हैं इक तुझ को छोड़ कर
सर्दी भी ख़त्म हो गई बरसात भी गई
कुछ नहीं बोला तो मर जाएगा अंदर से 'शुजाअ'