विकास शर्मा राज़ कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का विकास शर्मा राज़ (page 2)
नाम | विकास शर्मा राज़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Vikas Sharma Raaz |
जन्म की तारीख | 1973 |
जन्म स्थान | Haryana |
असर है ये हमारी दस्तकों का
ऐसी प्यास और ऐसा सब्र
ज़िंदगी की हँसी उड़ाती हुई
ज़र्रों की बातों में आने वाला था
ज़रा लौ चराग़ की कम करो मिरा दुख है फिर से उतार पर
वो निहत्ता नहीं अकेला है
उसे छुआ ही नहीं जो मिरी किताब में था
सर-ए-अफ़्लाक बिछा चाहती है
सब के आगे नहीं बिखरना है
रोज़ ये ख़्वाब डराता हैं मुझे
रात की ग़ार में उतरने का
रात भर बर्फ़ गिरती रही है
क़ाफ़िले से अलग चले हम लोग
फिर वही शब वही सितारा है
न हम-सफ़र है न हम-नवा है
मुसाफ़िरों के लिए साज़गार थोड़ी है
मंज़िलों से भी आगे निकलता हुआ
कोई उस के बराबर हो गया है
कई सम्तों में रस्ता बट रहा है
जुनूँ की पैरवी से ख़ुश नहीं हूँ
हवा के वार पे अब वार करने वाला है
हवा के साथ यारी हो गई है
हवा बहने लगी मुझ में
हाथ पर हाथ रख के क्यूँ बैठूँ
हाँ वफ़ाओं का मेरी ध्यान भी था
फ़िक्र का कारोबार था मुझ में
फ़सील-ए-शब पे तारों ने लिखा क्या
दिल-खंडर में खड़े हुए हैं हम
दश्त की ख़ाक भी छानी है
दाग़ होने लगे ज़ाहिर मेरे