जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा
किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता
Mir Taqi Mir
Parveen Shakir
Anwar Masood
Javed Akhtar
Allama Iqbal
Habib Jalib
Faiz Ahmad Faiz
Rahat Indori
Ahmad Faraz
Mohsin Naqvi
Gulzar
Jaun Eliya
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(949) Peoples Rate This
न पाने से किसी के है न कुछ खोने से मतलब है
तुम्हें ग़मों का समझना अगर न आएगा
वो मेरे घर नहीं आता मैं उस के घर नहीं जाता
दुख अपना अगर हम को बताना नहीं आता
तुम्हारी राह में मिट्टी के घर नहीं आते
ख़्वाब नहीं देखा है
अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे
मैं आसमाँ पे बहुत देर रह नहीं सकता
तहरीर से वर्ना मिरी क्या हो नहीं सकता
ये है तो सब के लिए हो ये ज़िद हमारी है
फूल तो फूल हैं आँखों से घिरे रहते हैं
जो मुझ में तुझ में चला आ रहा है बरसों से