खोया ग़म-ए-रिफ़ाक़त देखो कमाल अपना
बहका दिया है सब को दिखला के हाल अपना
Habib Jalib
Allama Iqbal
Mir Taqi Mir
Ahmad Faraz
Mohsin Naqvi
Faiz Ahmad Faiz
Javed Akhtar
Wasi Shah
Jaun Eliya
Parveen Shakir
Gulzar
Anwar Masood
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आप को ख़ून के आँसू ही रुलाना होगा
इस दर पे मुझे यार मचलने नहीं देते
कर दिया तीरों से छलनी मुझे सारा लेकिन
दम का आना तो बड़ी बात है लब पर 'आरिफ़'
रात भर ख़ून-ए-जिगर हम ने किया है 'आरिफ़'
क्यूँ आईने में देखा तू ने जमाल अपना
तुम्हारी रह का रहा हम को हर तरफ़ धोका
अच्छा हुआ कि दम शब-ए-हिज्राँ निकल गया
फ़ुर्क़त में कार-ए-वस्ल लिया वाह वाह से
ना-तवानी में पलक को भी हिलाया न गया
तेरे कहने से में अब लाऊँ कहाँ से नासेह