गर है दुनिया की तलब ज़ाहिद-ए-मक्कार से मिल
गर है दुनिया की तलब ज़ाहिद-ए-मक्कार से मिल
दीन है मतलूब तो इस तालिब-ए-दीदार से मिल
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गर है दुनिया की तलब ज़ाहिद-ए-मक्कार से मिल
दीन है मतलूब तो इस तालिब-ए-दीदार से मिल
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