Love Poetry of Abdussamad ’Tapish’
नाम | अब्दुस्समद ’तपिश’ |
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अंग्रेज़ी नाम | Abdussamad ’Tapish’ |
कविताएं
Ghazal 11
Couplets 18
Love 9
Sad 8
Heart Broken 9
Hope 3
Friendship 1
Islamic 3
Social 2
ख्वाब 1
कुछ हक़ाएक़ के ज़िंदा पैकर हैं
ताज़ा-दम जवानी रख
पत्ते पत्ते से नग़्मा-सरा कौन है
जिस्म के मर्तबान में क्या है
जफ़ा के ज़िक्र पे वो बद-हवास कैसा है
गरचे नेज़ों पे सर है
देख कर मेरी अना किस दर्जा हैरानी में है
अभी तक हौसला ठहरा हुआ है
आँख थी सूजी हुई और रात भर सोया न था