Sad Poetry of Abhishek Shukla
नाम | अभिषेक शुक्ला |
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अंग्रेज़ी नाम | Abhishek Shukla |
जन्म की तारीख | 1985 |
जन्म स्थान | Lucknow |
वहाँ पहले ही आवाज़ें बहुत थीं
मैं चोट कर तो रहा हूँ हवा के माथे पर
सुर्ख़ सहर से है तो बस इतना सा गिला हम लोगों का
सफ़र के बा'द भी ज़ौक़-ए-सफ़र न रह जाए
लहर का ख़्वाब हो के देखते हैं
ख़ला के जैसा कोई दरमियान भी पड़ता
हम ऐसे सोए भी कब थे हमें जगा लाते
फ़सील-ए-जिस्म गिरा दे मकान-ए-जाँ से निकल
अभी तो आप ही हाइल है रास्ता शब का